Shimala mirch ki kheti: शिमला मिर्च का खेती लोग क्यों करते है । क्योंकि शिमला मिर्चा स्वाथ्य के लिए काफी लाभ दायक होता है । और इस में काफी विटामिन पाया जाता है ।
इस लिए लोग इसे खाना पसंद करते है । सबसे खास बात शिमला मिर्ची में विटामिन C पाया जाता है । जो स्किन के लिए काफी अच्छा होता है । इसी के कारण इस मिर्ची का खेती ज्यादा होता है ।
शिमला मिर्च का खेती कहाँ किया जाता है । Shimala mirch ki kheti
इस की खेती के लिए चिकनी मिटी होना चाहिए । इस के खेती के लिए मिटटी का तापमान 18 से 35 डिग्री होना चाहिए । मिर्ची की खेती करते समय इस बात का जरूर ध्यान दे की जमीन की जोताई अच्छा से हुआ हो । खेत में शिमला मिर्च लगने से पहले 5 से 6 बार इस की जोताई हो जाना चाहिए ।
शिमल मिर्ची के खेती के लिए क्या जलवायु होनी चाहिए ।
शिमला मिर्ची का खेती कम गर्म के मौसम में किया जाता है । कम गर्म के मौसम में इसकी खेती करने से शिमला मिर्च का विकाश अच्छा होता है ।
इस के खेती के लिए मिट्टि का तापमान 18 से 35 डिग्री होना चाहिए । अगर शिमला मिर्ची का खेती ज्यादा तापमान में किया जाता है तो गर्म तापमान के कारण शिमला मिर्ची का फूल खुद ही गिरने लगता है । ऐसे में ( Shimala mirch ki kheti ) में नुकसान हो सकता है ।
पोली हाउस में करें ।
शिमला मिर्ची का खेती आप पोली हाउस में भी कर सकते है । पोली हाउस कपडे से ढका हुआ खेत होता है । कुछ फसल को करने के लिए तापमान कम होना चाहिए ।
ऐसे स्थिति में पोली हाउस में फसक उगाया जाता है । जैसे की आप को बाते है इस खेती के लिए मिट्टि का तापमान कम होना । पोली हाउस में मिट्टि का तापमान को नियंत्रण किया जाता है । और शिमला मिर्चा के खेती अच्छे से होता है और शिमला मिर्ची का विकाश भी होता है ।
शिमला मिर्ची का खेती का सही समय ।
इसका खेती को खास कर ठण्ड के मौसम में किया जाता है । भारत में मौसम के अनुसार शिमला मिर्ची का खेती किया जाता है ।
सितम्बर से नंबर तक आप इस का खेती कर सकते है । इसे ठण्ड में इस लिए किया जाता है क्योकि ठण्ड में ज्यादा इसका विकाश होता है । और शिमला मिर्च का फूल भी नहीं टूटता है ।
Ph तापमान क्या होना चाहिए ।
शिमला मिर्च के खेती के लिए मिट्टी का तापमान ph 6-7 होना चाहिए । खेती करने से पहले मिट्टी का ph जरूर पता करे ।
इस के पता होने के बाद आप का खेती अच्छा होगा और शिमला मिर्ची का फसल भी अच्छा मात्रा में उगेगा ।
खड़पतवार पे नियंत्रण कैसे करे ।
खड़ पतवार पे नियंत्रण जरुरी है । इसे अगर नहीं निकला जायेगा तो इस से आप का फसल ज्यादा नहीं होगा । फसल के वृद्धि में कमी हो जायेगा । 2 से 3 बार इस के खड़पतवार निकलना चाहिए ।
शिमला मिर्च के लगाने के बाद 30 से 40 दिन में इसका का खड़ पतवार निकल दे । जब खेत का तैयार कर रहे है तो उसी समय फ्लोक्लोरीन का छिड़काव कर दे । जो फसल के लिए अच्छा होगा । ( Shimala mirch ki kheti ) में इस प्रकार से खड़ प्रतवार पे नियंत्रण किया जा सकता है ।
शिमला मिर्ची में सहारा ।
जब शिमला मिर्च में मिर्च फड़ जाता है । तो भार के कारण मिर्ची का पौधा निचे गिराने लगता है । जिस के कारण शिमला मिर्च की विर्धि में कमी होने लगता है ।
अगर आप के भी शिमला मिर्च के पौधा में ऐसे हो रहा तो प्लास्टी या सोन का राशि लगा कर आप इसे ऊपर की और बांध दे । इसे से शिमला मिर्च ऊपर उठ जायेगा और शिमला मिर्च में विर्धि भी होगा । ( Shimala mirch ki kheti ) से आप सहारा दे सकते है ।
शिमला मिर्च पौधा में विर्धि कैसे लाये ।
इसे में आप विर्धि लाने के लिए तरीको ये है की आप ट्राईकोन्टानोल को शिमला मिर्च में डाले। 20 से 30 के अन्तराल में 3 से 4 बार डाले ।
और ( Shimala mirch ki kheti ) में मुनाफा होगा ।
भारत में सब से अच्छे शिमला मिर्च के बीज ।
- इंद्रा शिमला मिर्च
- नस २९२ शिमला मिर्च
- अरिस हाइब्रिड सब्जी बीज
- शिमला मिर्च हाइब्रिड टक्स_9
- ऊर्जा इन्द्राणी शिमला मिर्च
- मिसिलिया रज़ -फ१ लाल शिमला मिर्च
- ऊर्जा क्रिस्टल ऊर्जा ग्रीन शिमला मिर्च
- इंडस शिमला मिर्च
- इंडस शिमला मिर्च 1504
- ऊर्जा येल्लो शिमला मिर्च
- ऊर्जा डिस्कवर शिमला मिर्च
- लूमोस शिमला मिर्च
- सेलिन शिमला मिर्च
- गिसलाशिमला मिर्च
शिमला मिर्च की खेती सबसे से ज्यादा कहाँ होती है ।
4780 हैक्टर में शिमला मिर्च की खेती की जाती है । मध्य प्रदेश में ( Shimala mirch ki kheti ) सबसे ज्यादा मात्रा में की जाती है ।
शिमला मिर्ची के खेती से क्या फायदा होता है ।
इस से किसान को अच्छा फायदा होता है क्योकि इस का भाव बाजार में अच्छा होता है । जिस के कारण मुनाफा ज्यादा होने का काफी उम्मीद होता है ।
शिमला मिर्च कितने रंक का होता है ।
- पीला
- लाल
- हरा
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